ये होगा दुनिया का सबसे अनोखा शहर, जहां सब कुछ एक ही लाइन पर बना होगा

आज मैं एक अनोखे शहर के बारे में बात करने जा रहा हूँ जो एक सीधी रेखा की तरह होगा, मतलब यह किसी पारंपरिक शहर की तरह नहीं होगा जहाँ आप कहीं भी घर बना सकते हैं, यह 200 मीटर की दूरी वाला शहर होगा जो 170 किलोमीटर की दूरी में फैला हुआ है और इस शहर को सऊदी अरब बना रहा है और इसका निर्माण भी शुरू हो गया है, चलिए आज इसके बारे में जानते हैं, जिसका नाम होगा द लाइन

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लाइन परियोजना 10 जनवरी 2021 से शुरू होगी जब सऊदी अरब दुनिया के सामने आता है और अपने प्रोजेक्ट का ऐलान करता है। जी हां, यह अपने आप में एक बहुत ही अनोखा प्रोजेक्ट है और नामुमकिन लगता है लेकिन हम सभी जानते हैं दोस्तों कि इंसान ने कई नामुमकिन कामों को मुमकिन कर दिखाया है और उनमें से एक होगा दा लाइन। इंटरनेट पर ऐसी कई तस्वीरें हैं जिनमें हम देख सकते हैं कि लाइन का काम शुरू हो चुका है। तो सऊदी अरब के लिए इस शहर को बनाने का मकसद क्या है? आइए जानने की कोशिश करते हैं।

क्या है उद्देश्‍य

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अगर मैं आपको इसका मुख्य उद्देश्य बताऊं तो ये लोग कहते हैं कि ये जीरो पॉल्यूशन वाला शहर होगा और यहां पर कार आदि नहीं चलेगी या कोई भी वाहन नहीं चलेगा। मतलब ये फ्यूचरिस्टिक सिटी होगी जो हम सपने में सोचते हैं यू सिटी नेम नियोम प्रोजेक्ट के अंतरगत बन रही है और नियोम के अंतरगत बस यहीं नहीं बहुत से और प्रोजेक्ट है जो कि बहुत ही ज्यादा अलग है इस परियोजना का उद्देश्य तेल निर्भरता पर कम करना है, यानी तेल पर निर्भर अर्थव्यवस्था के अलावा अन्य स्रोत बनाना, जिससे यह कहा जा सके कि सऊदी अरब तेल पर निर्भर हुए बिना अपनी अर्थव्यवस्था को एक अलग तरीके से विकसित कर सकता है। इस शहर के अलावा न्युन के नए और अलग प्रोजेक्ट भी हैं जिनके बारे में हम कभी और बात करेंगे नियोम एक क्षेत्र है जहां प्रति इनके प्रोजेक्ट होंगे और यह एरिया रेड सागर के पास है जो कि 26500 वर्ग किलोमीटर का क्षेत्रफल है वैसे जो याह सिटी का डिजाइन सोचा गया है या कोई नया नहीं है 1800 और 1900 में भी सोचा गया था मतलब लेकिन उस टाइम हमारे पास इतनी टेक्नोलॉजी नहीं थी कि हम इसे बना कर पाएं विशेषज्ञों के अनुसार यहां 90 लाख लोग रहेंगे इस प्रोजेक्ट का सिधा सिधा उद्देष्य है कि प्रकृति को कम से कम नुक्सान पहुंचा कर लोगों को ज्यादा से ज्यादा बसाया जा सके इसीलिए प्रोजेक्ट का नाम डी लाइन है

ट्रांसपोर्टेशन क्या होगा

द लाइन सिटी में ट्रांसपोर्टेशन काफी फास्ट होगा यहां पर एक बहुत ही फास्ट ट्रेन जैसा कुछ लगाया जाएगा जिसका कन्फर्मेशन अभी तो नहीं आया है लेकिन कोई ऐसा ट्रांसपोर्ट के इस्तेमाल के लिए जाएगा जो कि रिन्यूअल एनर्जी से चलेगा बहुत ही फास्ट होगा इसमें डेवलपर्स का कहना है की हर चीज आपके 5 मिनट की दूरी पर ही होगी सब कुछ आपको पैदल दूरी पर मिल जाएगा जो भी आपकी जरूरी है यहां कुल मिलाकर अक्षय ऊर्जा से चलने वाली गाड़ियों का उपयोग किया जाएगा

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यह परियोजना संभव है?

तो हाँ, इस प्रोजेक्ट के लिए सबसे ज़्यादा इस्तेमाल पैसे का होगा, जो कि ज़ाहिर सी बात है। इस प्रोजेक्ट को फंड करने वाली सरकार तेल अर्थव्यवस्था पर निर्भर है, और तेल पर निर्भर अर्थव्यवस्था बहुत ज़्यादा होती है, जो कि आप लोगों ने हाल ही में देखा है, अगर युद्ध या किसी तरह का संकट आ जाए, तो दूसरी दिक्कत ये है कि अगर उनके पास जो पूरा फंड है, वो भी इस्तेमाल हो जाए, तो भी ये सारे प्रोजेक्ट पूरे नहीं हो पाएँगे। नियोम के जो भी प्रोजेक्ट हैं, कुछ एक्सपर्ट्स का मानना ​​है कि इस प्रोजेक्ट में 2050 तक का समय लग सकता है, जबकि सऊदी अरब इसे 2030 तक पूरा करना चाहता है, तो यहाँ सबसे बड़ी दिक्कत आर्थिक तौर पर है। और सऊदी अरब के विदेशी निवेशक कुछ नहीं कर पाए जिसकी वजह से दूसरी सबसे बड़ी समस्या टेक्नोलॉजी की होगी क्योंकि जो भी चीजें लोग यहां पर ट्रांसपोर्टेशन के लिए इस्तेमाल करेंगे उनकी हाई स्पीड अभी तक कन्फर्म नहीं हुई है और उनका ट्रांसपोर्टेशन कहता है कि एक तरफ से दूसरी तरफ का सफर सिर्फ 20 मिनट में हो जाएगा और स्पीड 500 किलोमीटर प्रति साल होगी और ये अभी भी हकीकत में संभव नहीं है और एक और समस्या है दोनों तरफ जो 500 मीटर के मिरर लगाए जाने हैं वो अभी तक दुनिया में किसी ने नहीं बनाए हैं और ऐसी कई और चीजें हैं जिनका जिक्र इस प्रोजेक्ट में किया गया है लेकिन कभी प्रैक्टिकली लागू नहीं किया गया इसलिए ये प्रोजेक्ट एक कदम पीछे हट जाता है एक्सपर्ट्स कहते हैं कि इसके प्रोडक्शन में ही 800000 टन कार्बन उत्सर्जित होगा जो कि बहुत ज्यादा है साथ ही इस शहर में ट्रांसपोर्टेशन भी बहुत बड़ी समस्या होगी क्योंकि ये एक बड़ी लाइन पर होगा और 90 लाख लोगों के आने-जाने के लिए एक ही लाइन होगी तो आप कल्पना कर सकते हैं कि क्या समस्या आएगी यानी अगर सबके आने-जाने के लिए एक ही रास्ता हो और बीच में कहीं भी कोई दिक्कत आ जाए तो पूरा रास्ता ही बंद हो जाएगा। व्यावहारिक तौर पर ये संभव है कि एक ही रास्ता न हो लेकिन इस शहर में एक ही रास्ता होगा क्योंकि इसकी चौड़ाई करीब 200 मीटर है।

निष्कर्ष

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