हिमालय की रहस्यमय घाटियाँ: अद्भुत प्राणी व जगह

वैसे तो आप लोगों ने हिमालय की पर्वतों के हमेशा एडवेंचर टूर सुने होंगे या घूमने के लिए फिरने के लिए लोग जाते हैं उससे जुड़ी हुई घाटियों में लोग जाते हैं लेकिन हिमालय कोई आम पर्वत नहीं है दोस्तों हिमालय रहस्यों का खजाना है यहां कोई ऐसे रहस्य हैं जिनकी बात आज हम करने वाले हैं और मैं दावे के साथ कह सकता हूं या सब बातें आपने कभी नहीं सुनी होंगी जैसा कि कैलाश पर्वत और शम्भाला गुप्त शहर ,हिममानव जैसे कि यहाँ का रहस्य है

रहस्यमय कैलाश

हिमालय

वैसे तो हिमालय पर्वत श्रंखला में बहुत से पर्वत हैं जो काफी ज्यादा ऊंचे हैं और पर्यटन के लिए प्रसिद्ध हैं मतलब वहां लोग एडवेंचर के लिए चढ़ते भारत हैं जैसे माउंट एवरेस्ट ले लो या अदर लेकिन यहीं से एक पर्वत आता है कैलाश जिसको आज तक कोई चढ़ाई नहीं कर पाया है बहुत से लोगों को यह मनाना है कि इस पर्वत पर बहुत से रहस्य हैं जिनके कारण लोग यहां नहीं चढ़ पाते हैं और जो प्रकृति है वह इसके रहस्यों को गुप्त रखना चाहती है बहुत से लोगों का मानना है कि कैलाश पर्वत पर अदृश्य शक्तियाँ विराजमान हैं, जो किसी को भी इसकी चोटी पर नहीं पहुँचने देतीं। कई पर्वतारोहियों ने अनुभव किया है कि उन्हें एक अदृश्य शक्ति पीछे धकेल रही है। कैलाश पर्वत केवल अपनी ऊंचाई के कारण ही नहीं, बल्कि अपने धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व के लिए भी प्रसिद्ध है। यह पर्वत चार प्रमुख धर्मों—हिंदू, बौद्ध, जैन, और बोन—के लिए पवित्र है। ऐसा नहीं है कि लोगों ने कैलाश पर्वत पर चढ़ने की कोशिश नहीं की है। लोगों ने कोशिश तो की है लेकिन खराब मौसम और इस जगह की भौगोलिक परिस्थितियों के कारण लोग यहां चढ़ नहीं पाते हैं और लोगों के मन में कोई आदर्श शक्ति पर्वतारोहियों को यहां चढ़ने से रोकती है। कुछ लोगों का मनाना है कि कैलाश पर्वत पर समय रुक जाता है जिसके कारण वहां पर गया व्यक्ति की उम्र नहीं बढ़ती हैसाथी साथ यहां कई बार यूएफओ भी देखे गए हैं मतलब यहां पर यूएफओ की गतिविधयां काफी ज्यादा होती हैं दुनिया में अन्य जगहों की अपेक्षा कुल मिलाकर बात यह है कि कैलाश पर्वत अभी भी अनदेखा जगह है

रहस्यमय शहर शम्भाला

शम्भाला शहर हिन्दू और बौद्ध पुराणों में वर्णित एक ऐसी जगह है जो पहाड़ों के बीच में कहीं स्थित है और ऐसा माना जाता है कि ये जगह हिमालय पर्वत श्रृंखला और कैलाश के पास है। हाल ही में इसका जिक्र कल्कि फिल्म में भी किया गया था। जैसा कि फिल्म में बताया गया है कि यहां की लोकेशन के बारे में कोई नहीं जानता। वैसे ही ये शहर असल जिंदगी में भी मौजूद है लेकिन कोई नहीं जानता कि ये कहां है। चीन ने इस शहर को खोजने की कई बार कोशिश की है। 80 के दशक में उसने सेना के साथ वैज्ञानिकों की एक टीम बनाई जो इस शहर को खोजने निकली लेकिन वो इसे ढूंढ नहीं पाए लेकिन वो असफल भी नहीं हुए। उन्हें ऐसी रहस्यमयी गुफाएं मिलीं जहां बहुत पुरानी संस्कृत की लिखावटें मिलीं और कई मानव कंकाल मिले जिन पर चीन में अभी भी शोध चल रहा है कि आखिर इतनी गहरी हिमालय की घाटी में मिले संस्कृत के लिखावटों और मानव कंकालों का क्या मतलब है। वैसे आपको बता दें कि इस शहर के बारे में पुराणों में लिखा गया है कि यहां ऋषि मुनि रहते हैं और यहां रहने वाले लोग अमर होते हैं और उन्हें वेदों का अच्छा ज्ञान होता है, वो ज्यादातर ऋषि मुनि होते हैं। वैसे चीन जब उसे शहर की खोज कर रहा था तो उन्होंने बहुत से यति देखे जो कि उसे शहर की रक्षा करते हैं उनका मानना है कि जो यति होते हैं वह शहर की रक्षा करते हैं

यति या हिममानव 

यति या हिममानव एक पौराणिक प्राणी और एक वानर जैसा क्रिप्टिड है एवरेस्ट अभियान (1953)सर एडमंड हिलेरी और तेनजिंग नोर्गे ने माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई करते समय बड़े पैरों के निशान देखे, जिन्हें उन्होंने हिममानव के रूप में माना।हिममानव को एक बड़े, बंदर जैसी आकृति वाले प्राणी के रूप में वर्णित किया जाता है, जो कि बर्फीले क्षेत्रों में रहता है। तिब्बती बौद्ध धर्म में, हिममानव को एक पवित्र प्राणी माना जाता है। शेरपाओं की लोककथाओं में हिममानव को पहाड़ों का रक्षक माना जाता है, जो मानवों को चोट पहुँचाने से बचाता है। इतना ही नहीं दुनिया भर से आज भी यति की बहुत सी कहानी आती अप्रैल 2019 को इंडियन आर्मी द्वारा भी बर्फीली इलाके में एक बड़े पैरों के निशान को खोजा गया था जो कि हिममानव के पैरों के निशान की तरह लग रहे थे मैं आपको एक विदेशी की कहानी बताता हूं जिसने तिब्बत के मोनेस्ट्री मेंएक यति को देखा था तो उस आदमी को व्यापार में बहुत घाटा हो गया था और उसने सब कुछ खो दिया था। फिर वह भिक्षु का जीवन जीने के लिए तिब्बत के एक मठ में आया और वहीं रहने लगा। उसे कहा गया था कि रात में पहाड़ों पर मत जाना। वह इस बात पर विश्वास भी करता था लेकिन एक शाम वह कुछ भिक्षुओं के साथ पहाड़ों पर जाता है और उन्हें वापस आने में समय लगता है जिससे रात हो जाती है। इसलिए वे एक गुफा में शरण लेते हैं और यह सोचकर सो जाते हैं कि सुबह होते ही चले जाएंगे लेकिन रात को गुफा के बाहर से भयानक आवाज आने लगती है जिससे सब जाग जाते हैं। भिक्षु विदेशी को बाहर न जाने के लिए कहते हैं और खुद भी बाहर निकल जाते हैं लेकिन विदेशी के मन में जिज्ञासा पैदा होती है और वह बाहर जाता है और देखता है कि वहां एक 9-10 फीट लंबा जानवर है जिसे भिक्षु मंत्रों से भगा रहे हैं और वह उसे देखकर डर जाता है। भिक्षुओं ने उस जानवर को भी भगा दिया। फिर वह आदमी अपने देश में फिर से सब कुछ शुरू करता है और सफल होने के बाद वह यह कहानी रेडिट पर पोस्ट करता है। वैसे वैज्ञानिक दृष्टिकोण से नहीं होता यह आप लोगों के ऊपर निर्भर करता है कि आप उसे असली मानते हैं या नहीं

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